“स्कूल में फेल होने से लेकर पहले प्रयास में UPSC क्लियर करने तक: IAS अंजु शर्मा की प्रेरक कहानी”

हार नहीं मानी, सपना नहीं छोड़ा — जानिए कैसे बनीं फेल छात्रा से टॉप IAS अफसर

📘 बचपन की असफलताएं और जीवन का मोड़

IAS अंजु शर्मा की कहानी उन लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा है, जो कभी न कभी असफलता का सामना करते हैं। आज वे देश की वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हैं, लेकिन उनका सफर बहुत कठिनाइयों भरा रहा।

कक्षा 10वीं में वे रसायन शास्त्र (केमिस्ट्री) की प्री-बोर्ड परीक्षा में फेल हो गईं। फिर 12वीं कक्षा में अर्थशास्त्र (इकोनॉमिक्स) में भी फेल हो गईं। दो बार की असफलताओं ने उनके आत्मविश्वास को हिला दिया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।


💪 मां का सहारा और आत्म-मंथन

अंजु शर्मा के जीवन में उनकी मां का विशेष योगदान रहा। जब दुनिया ने उन्हें कमज़ोर समझा, तब उनकी मां ने उन्हें संभाला। उन्होंने बेटी को समझाया कि यह असफलता अंत नहीं है।

अंजु ने महसूस किया कि आखिरी समय की पढ़ाई और रट्टा मारना लंबे समय के लक्ष्यों के लिए कारगर नहीं है। उन्होंने पढ़ाई का तरीका बदला, नियमित अध्ययन करना शुरू किया और रणनीति के साथ आगे बढ़ीं।


🏅 पढ़ाई में बदलाव और स्वर्ण पदक

जिन विषयों में वे एक समय फेल हुई थीं, उन्हीं क्षेत्रों में उन्होंने कमाल कर दिखाया। उन्होंने जयपुर से बीएससी और एमबीए किया और दोनों में स्वर्ण पदक (गोल्ड मेडल) हासिल किया।

ये सफलता अचानक नहीं आई—बल्कि नियमित अभ्यास, गहरी समझ, और रणनीतिक तैयारी के कारण मिली। अंजु शर्मा ने यह साबित कर दिया कि मेहनत और अनुशासन से सब कुछ संभव है।


🎯 पहली बार में UPSC में सफलता

भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक, UPSC सिविल सेवा परीक्षा, जिसमें हजारों उम्मीदवार बार-बार प्रयास करते हैं, उसे अंजु शर्मा ने मात्र 22 वर्ष की उम्र में पहली बार में पास कर लिया।

उनका आत्मविश्वास और शांत मस्तिष्क इस बात का प्रमाण था कि वे पूरी तरह से तैयार थीं। परीक्षा के दिन वे नर्वस नहीं थीं, क्योंकि उन्होंने हर पहलू की गहराई से तैयारी की थी।


🏛️ प्रशासनिक सेवा में शानदार करियर

IAS बनने के बाद उन्होंने अपनी पहली पोस्टिंग राजकोट में सहायक कलेक्टर (Assistant Collector) के रूप में शुरू की। इसके बाद उन्होंने कई प्रमुख विभागों में कार्य किया।

वे गुजरात सरकार में उच्च शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव और अब कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में अपर मुख्य सचिव (ACS) के रूप में कार्यरत हैं।


💡 सीखें अंजु शर्मा की कहानी से

  1. असफलता अंत नहीं होती, बल्कि नई शुरुआत का अवसर होती है।
  2. नियमित और रणनीतिक पढ़ाई हमेशा काम आती है।
  3. माता-पिता का सहयोग आत्मबल बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है।
  4. लक्ष्य को छोटे हिस्सों में बांटकर योजना बनाएं
  5. स्वयं पर विश्वास रखें, चाहे हालात जैसे भी हों।

🔚 निष्कर्ष

IAS अंजु शर्मा की कहानी हमें यह सिखाती है कि शुरुआत चाहे जैसी भी हो, मंज़िल तक पहुँचना हमेशा संभव है। उन्होंने स्कूल में असफलता देखी, लेकिन हार नहीं मानी। उन्होंने अपने भीतर सुधार किया, पढ़ाई की शैली बदली और एक नया रास्ता बनाया।

उनकी जीवन यात्रा हर उस छात्र या युवा के लिए एक प्रेरणा है जो खुद पर विश्वास खो चुका है। अगर अंजु शर्मा जैसे लोग फेल होने के बाद भी UPSC में टॉप कर सकते हैं, तो आप भी कर सकते हैं—बस ज़रूरत है आत्मविश्वास, अनुशासन और सकारात्मक सोच की।

FAQS

Q1: IAS Anju Sharma ने UPSC पहली बार में कैसे क्लियर किया?
A1: उन्होंने अपनी असफलताओं से सीख लेकर नियमित और रणनीतिक तैयारी की, जिससे वे पूरी तरह से तैयार होकर आत्मविश्वास के साथ UPSC परीक्षा में सफल रहीं।


Q2: अंजु शर्मा की सबसे बड़ी चुनौती क्या थी?
A2: उनकी सबसे बड़ी चुनौती स्कूल में फेल होना था, खासकर कक्षा 10वीं और 12वीं में, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी पढ़ाई के तरीके को बदला।


Q3: IAS बनने के लिए अंजु शर्मा ने कौन-कौन से कदम उठाए?
A3: उन्होंने अपनी असफलताओं को आत्मविश्लेषण का अवसर बनाया, मां के सहयोग से पढ़ाई में नियमितता लाई, और पहली बार UPSC की तैयारी पूरी मेहनत और धैर्य से की।


Q4: अंजु शर्मा की सफलता से हमें क्या सीख मिलती है?
A4: असफलताएं अंत नहीं होतीं, नियमित मेहनत, सही योजना और परिवार का समर्थन सफलता की कुंजी है। हर चुनौती को अवसर में बदलना संभव है।


Q5: IAS अंजु शर्मा का प्रशासनिक करियर कैसा रहा?
A5: वे राजकोट में सहायक कलेक्टर से शुरू हुईं और गुजरात सरकार में उच्च शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव और कृषि विभाग की अपर मुख्य सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं।

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